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गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014









सोमवार, 13 जनवरी 2014

१२ जनवरी स्वामी विवेकानंद जयंती पर .....

शिकागो में दिए ऐतिहासिक भाषण के अंश...

अमेरिकी बहनों व भाइयों,
आपके उत्साहपूर्ण हार्दिक
अभिनन्दन से मेरा हृदय अवर्णनीय

असीम आनन्द से भर गया है. मैं
आपको संसार की सबसे प्राचीन
ऋषि-मुनि परम्परा की ओर से
धन्यवाद देता हूँ; मैं आपको
सभी धर्मों की जननी की ओर से
धन्यवाद देता हूँ; और मैं
आपको सभी वर्गों व सम्प्रदायों के
कोटि कोटि हिन्दुओं की ओर से
भी धन्यवाद देता हूँ।
मेरा, इस मंच से बोलनेवाले उन
वक्ताओं को भी धन्यवाद, जिन्होंने
पूर्वी देशों के प्रतिनिधियों के बारे में
बताया कि, सुदूर देशों के इन लोगों को,
सहिष्णुता के भाव को विभिन्न देशों में
प्रसारित करने का गौरव हासिल है।
मुझे एक ऐसे धर्म का अनुयायी होने में
गर्व है, जिसने संसार
को सहिष्णुता तथा सार्वभौम
स्वीकृति (tolerance and
universal acceptance), दोनों
का पाठ पढ़ाया। हम लोग केवल
सार्वभौमिक सहिष्णुता में ही विश्वास
नहीं करते, बल्कि समस्त
धर्मों को सच्चा मान कर स्वीकार
करते हैं।
मुझे ऐसे देश का निवासी होने पर गर्व
है, जिसने इस धरती के समस्त
धर्मों और देशों के उत्पीड़ितों और
शरणार्थियों को आश्रय दिया है। मुझे
आपको यह बताते हुए गर्व होता है
कि हमने अपने हृदय में यहूदियों के
विशुद्धतम अवशेष को स्थान दिया था
, जिन्होंने दक्षिण भारत में आकर
तब शरण ली थी, जिस वर्ष
उनका पवित्र मन्दिर रोमनों के
अत्याचार से तहस-नहस हो गया था।
मुझे ऐसे धर्म का अनुयायी होने पर
गर्व है, जिसने महान जरथुष्ट्र
(पारसी) राष्ट्र के अवशेषों को शरण
दी तथा उन्हें वह अभी भी प्रोत्साहित
कर रहा है। भाईयों, मैं आप
लोगों को एक स्तोत्र (भजन) की कुछ
पंक्तियाँ सुनाऊंगा, जिनको, मुझे
अच्छी तरह याद है कि मैं बहुत
बचपन से ही बार बार दोहराता रहा हूँ
और जिनको प्रतिदिन लाखों लोग
दोहराते रहते हैं:
रुचिनां
वैचित्र्यादृजुकुटिलनानापथजुषाम् ।
नृणामेको गम्यस्त्वमसि पयसामर्णव
इव ।।
अर्थात “जैसे विभिन्न नदियाँ भिन्न
भिन्न स्रोतों से निकलकर समुद्र में
मिल जाती हैं, उसी प्रकार हे प्रभो!
भिन्न भिन्न प्रवृति के अनुसार
मनुष्य विभिन्न टेढ़े-मेढ़े या सीधे
रास्ते पर चलकर अन्त में तुझमें
ही आकर मिल जाते हैं।“
मौजूदा सम्मेलन, जो अब तक
आयोजित सबसे गरिमामय सभाओं में
से एक है, स्वतः ही गीता में दिये
अद्भुत सिद्धांत की एक
प्रामाणिकता है, संसार को एक वचन
है: “जो कोई भी मेरी ओर आता है,
चाहे वो किसी भी रूप में हो, मैं
उसको प्राप्त होता हूँ। लोग विभिन्न
मार्गों द्वारा संघर्ष करते हैं,
जिनका अन्त मुझ में ही है।“
(ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव
भजाम्यहम् ।
मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ
सर्वशः ।।)
साम्प्रदायवाद, हठधर्मिता और
उनकी भयावह संतति धर्मान्धता
लम्बे समय से इस सुन्दर पृथ्वी पर
काबिज हैं। इन्होंने, पृथ्वी को हिंसा से
भर दिया, इसको बारम्बार मानव के
खून से लाल किया, सभ्यताओं
को विध्वस्त किया और पूरे के पूरे
राष्ट्रों को निराशा की गर्त में धकेल
दिया है। यदि ये भयावह पिशाच न
होते, तो मानव समाज आज जहाँ है,
उससे बहुत अधिक उन्नत होता। पर
अब उनका अंत समय आ गया है, और
मुझे पूरे प्राण से विश्वास है कि आज
सुबह इस सम्मेलन के सम्मान में जो
घण्टाध्वनि हुई हैं, वह समस्त
धर्मान्धता के, तलवार या लेखनी के
द्वारा होने वाले समस्त अत्याचारों
के, तथा एक ही ध्येय की ओर
अग्रसर होने वाले मानवों में
पारस्पारिक समस्त कटुता के, ताबूत
में अंतिम कील साबित होगा।

रविवार, 29 दिसंबर 2013

केवल २४ साल में मुस्लिम भारत पर कब्ज़ा कर लेंगे

हिंदू लड़कियों से शादी करके १२ बच्चे पैदा करे तो केवल २४ साल में मुस्लिम भारत पर कब्ज़ा कर लेंगे | हाल ही में पुलिस ने एक ऐसे ही युवक को पकड़ा है , इस युवक का नाम वसीम अकरम है ,वह फेसबुक दक्ष शर्मा के नाम से प्रोफाइल बनाकर हिंदू युवतियों को फंसाता था ,फिर उनका शारीरिक शोषण करता था | पुलिस ने अकरम को नजीराबाद से पकड़ा है |वसीम ने पूछताछ में बताया की लव जेहाद के नाम से ये सब कुछ चल रहा है , इससे जुड़े कट्टरपंथी हिंदू लड़कियों को फंसाकर उनसे शादी कर लेते हैं , इसका मुख्या संगठन ढाका में है तथा हिंदुस्तान में इसका मुख्या संगठन केरल में है| इस संगठन का मानना है की अगर एक मुस्लिम युवक एक हिंदू लड़की से शादी करके छः बच्चे पैदा करे तो हिंदुस्तान को इस्लामिक राष्ट्र बनाने में ४० साल लगेंगे और अगर एक मुसलमान दो हिंदू लड़कियों से शादी करके १२ बच्चे पैदा करे तो केवल २४ साल में मुस्लिमभारत पर कब्ज़ा कर लेंगे | वो कहते हैं की हिंदू लड़कीसे शादी करने से एक तरफ हम हिंदू आबादी को बढ़ने से रोकते हैं तो दूसरी तरफ मुस्लिम आबादी बढाते हैं | अकरम ने बताया की मुल्ला मौलवी मुस्लिम बोलीवुड सितारों से कहते हैं की वे कमसे कम दो हिंदू लड़कियों से शादी करे जिससे की देश में हिंदू लड़कियों में मुस्लिम लड़कों के प्रति सहानुभूति बने ,वो भी सितारों की नक़ल करके मुस्लिम लड़कों के प्रेम जाल में आसानी से फंस जाएं |हिन्दुस्थान को "दारुल हरब" से "दारुल इस्लाम" बनाने का जो इनका उद्देश्य है, ये उसी की एक कड़ी है। कुछ साल पहले आप जानते हैं की केरल में इसके 2500 मामले सामने आये थे। जिसमे पकडे गए आतंकवादियों ने इसके बारे में सब बताया था। और तहकीकात करने पर ये सारे मामले सामने आये। लेकिन अब तो ये पूरे देश में फ़ैल चूका है।ये इनका गजवा-ए-हिन्द(हिंदुस्तान पर फतह) का एक हिस्सा है, जो इनकी (मुसलामानों की) किताबों में लिखा है। की पाकिस्तान भविष्य में हिंदुस्तान पर फतह करेगा और पूरा हिंदुस्तान एक मुस्लिम मुल्क होगा। आप "गजवा-ए-हिन्द" के बारे में नेट पर या यु-ट्यूब पर सर्च कर सकते हैं। जिसमे खुद पाकिस्तानी बोल रहा है इसके बारे में। SHARE IF U R A TRUE HINDU. कृपया इस संदेश को प्रसारित करने में मदद करें..